[ad_1]
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सचिन पायलट व 18 अन्य कांग्रेस विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए जाने के बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था. इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे, हालांकि अधिकारियों व मुख्यमंत्री गहलोत ने खुद इसका खंडन किया. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इस मामले को लेकर हमलावर नजर आए और उन्होंने इस बारे में कई ट्वीट किए.
गौरतलब कि उक्त राजनीतिक घटनाक्रम में गहलोत ने राज्य के कुछ केंद्रीय नेताओं पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया था. इस दौरान एक ऑडियो टेप भी जारी किया गया था, जिसमें कथित तौर पर गजेंद्र सिंह व कांग्रेस के एक विधायक की बातचीत थी और इसमें ऐसा लग रहा था कि गहलोत सरकार की अस्थिरता को लेकर बात हो रही है. भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने उसी घटनाक्रम के दौरान पिछले साल अगस्त में आहूत विधानसभा सत्र में एक तारांकित सवाल किया था.
राजस्थान : फर्जी बिलों के जरिए 651 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया
उन्होंने सवाल में पूछा था, ‘क्या यह सही है कि विगत दिवसों में फोन टैप किए जाने के प्रकरण सामने आए हैं? यदि हां तो किस कानून के अंतर्गत एवं किसके आदेश पर? पूर्ण विवरण सदन की मेज पर रखें.’ जिसका जवाब अब राज्य विधानसभा की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ. इसके अनुसार, ‘लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था के हित में या किसी ऐसे अपराध को प्रोत्साहित होने से रोकने के लिए जिससे लोक सुरक्षा या लोक व्यवस्था को खतरा हो, टेलीफोन अन्तावरोध (इंटरसेप्ट) भारतीय तार अधिनियम 1885 की धारा 5(2) भारतीय तार अधिनियम (संशोधित) नियम 2007 के नियम 419ए व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 69 में वर्णित प्रावधान के अनुसार सक्षम अधिकारी की स्वीकृति उपरान्त किया जाता है.’
जवाब के एक खंड के अनुसार , ‘राजस्थान पुलिस द्वारा उपरोक्त प्रावधानों के अंतर्गत टेलीफोन अन्तावरोध (इंटरसेप्ट) सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करने के उपरान्त ही किए गए हैं.’ वहीं, सरकार की ओर से मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि किसी भी विधायक या सांसद का फोन टैप नहीं किया गया. जोशी ने कहा, ‘सरकार ने सवाल के जवाब में कहा है कि कानून के तहत फोन इंटरसेप्ट करने की एक प्रक्रिया है. सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेने के बाद ही फोन इंटरसेप्ट किया जाता है. राजस्थान सरकार ने किसी विधायक या मंत्री का फोन टैप नहीं किया.’
VIDEO: राजस्थान: CM अशोक गहलोत ने लगवाया कोरोना का टीका, बोले- वैक्सीन से डरें नहीं
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
[ad_2]
Source link