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तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम ने आसपास पांच पिंजड़े भी लगाएं है, लेकिन वह अब तक नहीं फंसा. खाली पिंजड़ा देखकर वन विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ रहा है. अब टीम ड्रोन कैमरे से तेंदुए का सुराग लेने की कोशिश कर रही है. कुछ दिन पहले ड्रोन कैमरे से पता चला था कि तेंदुआ गांव में गेंहू के खेत में घूम रहा था. जंगल से सटे गांवों में तेंदुआ अब गेहूं और गन्ने के खेत को अपना ठिकाना बना रहे हैं.
बहराइच के DFO मनीष सिंह ने कहा कि बहराइच के पास में कर्तनिया घाट के जंगल हैं. सरयू नदी का 70 किमी का किनारा है. गेहूं और गन्ने के खेतों में अब तेंदुए अपना आवास बनाते हैं, जिससे फसलों की कटाई के समय हमले बढ़ जाते हैं.
जानकार कहते हैं कि कर्तनिया घाट में बाघों की संख्या 25 से बढ़कर 29 हो चुकी है इसलिए तेंदुए अब जंगल से निकल गांवों में आ रहे हैं. यही वजह है कि हाल के दिनों में कर्तनिया घाट के आसपास तेंदुए के इंसानों के ऊपर हमले बढ़ गए हैं.
कर्तनिया घाट के बफर जोन के नजदीक गांवों में कैमरे लगाने का काम जोरों पर है ताकि तेंदुवे के आने जाने के पैटर्न को मॉनिटर किया जा सके. WWF के फील्ड आफिसर दबीर हसन का कहना है कि हम लोग 35 गांव में कैमरा लगा रहे हैं ताकि तेंदुए पर स्टडी कर सके और इंसान और तेंदुए के संघर्ष को रोका जा सके.
तेंदुआ का हमला
– 2018 में 9 घायल और 7 लोगों की मौत
– 2019 में 20 घायल और 4 लोगों की मौत
– 2020 में 45 घायल और 5 लोगों की मौत
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